बनचरा देवी मंदिर UP के जिला कुशीनगर में एक बनचरा गाव के पास ही है, ये गाओ सुक्रोली के या चौरी चुरा के बीच में है ये बचत पुराना मंदिर है यह सारधलू अपने मन की शांति या पूजा करने आते हैं यह मंदिर बहुत पवन मन जाता है 1000 साल से भी जड़ दिनो से इस मधुर में सरधलू अपने मन की इच्छा का पूरी हेतु मनोकामना मांगते हैं बहुत लोग कहने हैं कि मा बंचरा देवी किसी को खाली हाथ जाने नहीं देती है
मां के सामने अपने आप को बहुत खास किस्मत मानेगी मां सबकी इच्छा को पूरी करती है या ये भी मन जाता है मां बंचरा देवी के यह जो सादी होती है वो पूरी खुशी को साथ ले जाते हैं यह पर सादी भी होती है 1000 सादी हुई है या पर यह सादी के दिन में काई सरधलू आते हैं अपना परिवार के साथ बहुत सी सादिया यह होती है
वहा एक बात बहुत प्रसिद्ध कि बनचरा देवी आप की सारी मनोकामनाएं को पूरी करती है वहां बहुत ही भव्य मंदिर बना हुआ है !
इसी कारण से वहां पर बहुत ही दूर दूर से श्रद्धालु आते हैं और आकर यहां पर पूजा अर्चना करते हैं मंदिर में एक अलग जगह पर मुंडन करने की व्यवस्था है
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छठ पूजा |
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मां बनचरा देवी |
यहां पर कथा विष्णु कथा आदि सारे पूजा कार्यक्रम किए जाते हैं यहां पर एक सार्वजनिक विवाह हॉल भी है और यह हाल आपको मंदिर की तरफ से बिल्कुल सस्ते और अच्छे दामों में भी जाती हैं यहां पर लगभग सौ से डेढ़ सौ साड़ियां हो चुकी है यहां पर रोजाना लड़की लड़का की शादी का जोड़ा भी किया जाता है
यहां पर लड़की लड़के के सारे परिवार के साथ मां देवी का आशीर्वाद लेकर उनकी नई जीवन की शुरुआत की जाती है आप सभी को बता देना यहां पर एक बगल में ही छठ पूजा का आयोजन किया जाता है तो बहुत ही विशाल छठ पूजा होती है यहां से लगभग 10 गांव के लोग छठ पूजा मनाने आते हैं जिस कारण से यहां पर लगभग एक लाख की तादाद में भीड़ हो जाती है यहां पर उसी समय यहां पर बहुत ही अच्छा मेला लगा होता है
लगभग 20 से 30 बंदर होंगे वहां एक प्यारी सी हिरन है द्वार पर ही है आप सभी को वहां पर जाकर एक बड़ा सा मंदिर दिखाई देगा
बनचरा देवी बहुत ही प्रसिद्ध देवी हैं यहां पर बहुत ही दूर दूर से लोग आते हैं यहां तक कि वाराणसी मुंबई दिल्ली कोलकाता आदि शहरों से इस भव्य मंदिर में सभी आकर अपना शीश झुकाते हैं
यहां साधु संतों का जमावड़ा है गोरखनाथ से साधु यहां पर आते हैं जिनका नाम सम्मान से श्री महंत कहते हैं यही है जो देवी मां बनचरा की मंदिर का सारा कार्य संभालते हैं यह वहां के मुखिया हैं और यह हर 3 साल पर कलसा उठवादे हैं!
जिसमें आसपास के सभी गांव की लड़कियां भाग लेती है उसमें क्या होता है कि कलश में पानी भरकर मां पचरा देवी के हवन कुंड के सामने शक्कर लगाया जाता है और इस भव्य कार्यक्रम में कम से कम 11100 लड़कियां भाग लेती है कलसा के लास्ट दिन सभी लड़कियों को आसपास के सभी गांव से हो गए कलसा लेकर चलना होता है जिसमें उन्हें नंगे पैर में कलसा सिर पर रखकर मां बनचरा देवी का नाम लेते हुए आगे बढ़ना होता है
इसी के बगल में प्राथमिक विद्यालय है जहां उसी के पास रोजाना मार्केट लगता है गांव के सभी लोग बनचरा मे भिन्न भिन्न प्रकार की वस्तुएं खरीद के बेचने हैं यह मंदिर लगभग सौ से डेढ़ सौ साल पुराना है आप सभी को एक बार कम से कम बनचरा मां का आशीर्वाद लेने यहां जाना चाहिए यहां आपकी सारी मुरादें पूरी होगी बोलिए जय बनचरा माई की जय हो 🙏🙏
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